शनिवार, 20 जून 2020

जब दिशाएँ मौन हों

जब दिशाएँ मौन हों,
सब पूछें तुम कौन हो,
राह चलते जाइये बस,
रास्ते बनाइये बस,
वक़्त ऐसा आएगा ,
वक़्त ठहर तब जाएगा,
पास फिर सब आएंगे,
सब गले लगाएंगे,
फिर सितारा गर्दिशों से,
आसमां में आएगा ,
गुमनाम मुसाफ़िर फिर से,
एक बार मंजिल पायेगा !