सोमवार, 8 जून 2020

जब दिशाएँ मौन हों

जब दिशाएँ मौन हों ,
सब पूछें तुम कौन हो ,
चुप चाप तब ख़ुद के,
पाँवो का चीत्कार सुनो ,
हर क़दम आगे बढ़ाओ ,
जीत के करीब आके,
तब बताओ कौन हो ,
तुम सुनाओ कौन हो !
अनवरत चलो निरंतर ,
राहों पे तुम मौन हो !