शुक्रवार, 26 जून 2020

चूल्हे जलेंगे जरुर

चूल्हे जलेंगे जरुर ,
चाहे दस हजार रूपये में ,
बिकने लगे सिलिंडर ,
चाहे कोई आये ,
चाहे कोई जाये ,
चाहे कोई चिल्लाये ,
कोई दुश्मन बन जाये ,
या फिर कोई रहनुमा हो जाये ,
पर जलेगा सिलिंडर ,
जैसे देश जल रहा है !
आग में !

जो मालिक बनता है ,
वो भाग जाता है ,
जो अभी नही बना ,
वो ललचाता है ,
जो जमाने से है ,
वो तिल तिल जलाता है ,
मानो गरीबी नही ,
चिता जल रही हो ,
वो दांत निपोरते हैं ,
गरीबी खत्म करेंगे ,
और जोरदार बहस होती है ,
राजधानी के ,
सबसे महंगे होटल के,
सबसे महंगे हॉल में ,
मानो गरीबी का चीर हरण हो रहा हो ,
और वो,
जिनके यहाँ सुबह से सिलंडर की वजह से,
खाना नही बना ,
राम लाल लाइन में लगा है ,
धोती बांध के खिसका रहा है सिलंडर को ,
उसके घर में लाइव देख रही है ,
उसकी मोहिनिया ,
और सोच रही है ,
कि ये जो जोर जोर से बोल रहा है ,
यही आएगा अगली बार सता में ,
और सस्ता सिलिंडर देगा,
तभी रोने लगता है ,
भूख से ,
उसका छोटू ,
माँ-माँ रोटी- रोटी कह के ,
नही नही सिलिंडर सिलिंडर
चिल्ला के !
पर जलंगे जरुर चूल्हे ,
और जला दिए जाएंगे,
अरमान लाचारी के ,
खुद की रोटी सेंकने के लिए !
जलेंगे जरुर चूल्हे !!!