सोमवार, 29 जून 2020

मै मरघट में जब जाता हूँ


मै   मरघट  में  जब  जाता  हूँ  ,

 मै  मर-घट  में  मर  जाता  हूँ  ,

 जब  मर  और  घट  न  घट  पाए..

  तो  खुद  ही  मै  घट  जाता  हूँ .//



मै  मरघट   को  समझाता  हूँ ,

 कि   मर  के  घट  न  पाउँगा  मै ,

 तुझे  आज  ये  बताता  हूँ  ,

 कि  कर  तू  मेरा  इंतजार...

  अभी  मै  कुछ  देर  बाद  मरघट  पे  आता  हूँ  ,



 ऐ  मरघट   तू   मुझे  क्या  जाने  ??

 मै  हूँ  इन्सान  एक  मरघट  का  ,

जो  मरघट  पे  तो  आता  है  ..

 पर  अपने  पीछे  एक  अद्भुत ,अविचल ,यथार्थ और

अविश्वसनीय   इतिहास  छोड़  वो  आता  है ........................