तू चीखेगी तो,
जुबान काट दी जाएगी,
जब सुलगेगी ,
तो जला दी जाएगी,
तू कमजोर बनी रह ,
और पुरुष तुम्हे गुलाम बनाये रखे,
क्या यही तुम्हारे हिस्से में है ?
सही वक़्त है ,
उठ !
जाग !
रुढियों को लगा दे आग,
या तो तू तोड़ दे ,
जंजीरों को ,
या फिर कर इन्तजार ,
जब तू फिर से
व्यभिचार कि नाली में बहा दी जाएगी !
1 टिप्पणी:
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