रविवार, 28 जून 2020

क्षितिज के उस पार

 
तुम  बुलाते हो,
 क्षितिज के उस पार से ,
हमे  वक़्त नही मिलता है,
खेते हुए पतवार से,
 एक कोशिश है,
 जो मुझे उस पार लेके जाएगी ,
शायद यही सोच ,
तुमसे मिलने के ,
इन्तजार में ,
हसीं स्वप्न   की तरह से जिन्दगी गुजर जायेगी ......

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