शुक्रवार, 22 मई 2020

सच की चाशनी

झूठ बोलें अगर मजबुरी है, या फिर जरुरी है ,
पर सच की चाशनी में डूबाना क्या जरुरी है



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कुछ बोलते नहीं हो खामोश रहते हो,
साहब देश में आप की ही सरकार तो नहीं ?


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