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शनिवार, 17 मार्च 2012

दु:शासन की बेबसी


एक दिन दु:शासन से मुलाकात हुई मेरी ,
बेबस और परेशान था जब उससे बात हुई मेरी ,

क्या हुआ दुशासन  क्या नही करते अब तुम चीर हरण ,
क्या अब नही करते तुम किसी अबला का वस्त्र हरण ,

दुशासन  मायूस हुआ और मुझसे बोला
अपने ह्रदय में कैद भावों को उसने खोला ,

हम अब कसी कौरव दरबार में जाएँ ?
वस्त्र वाली द्रौपदी  अब हम कहा से लायें ?

बेबस ,अबला, बलहीन अब कहा रही है नारी ?
कहाँ रही अब पहले जैसे वो बेचारी ?

वस्त्रों से प्रेम अब उसे कहाँ जचा  है ?
उसके तन पे वस्त्र अब कहाँ बचा है ?

कृष्ण  बन भगवान कहाँ दरबारों में जाते हैं अब ?
अर्जुन-युधिष्ठिर ही बेच द्रौपदी को बाजारों में आते हैं अब ..

अगर कुछ नारियों  कि बात मै  छोड़ देता हूँ
तो बाकियों को देख मै शर्म से मुह मोड़ लेता हूँ ,

हे नारी ! नग्नता के पास तू जितनी जाएगी
नारायणी का अपना पूज्य रूप अपना खो जाएगी

"देख आज दुशासन को भी तुम्हारी चिंता सताने लगी है
आज का तेरा रूप देख उसे भी शर्म आने लगी है ..."

क्या तुमने ऐसा अधम कुकृत्य किया होता ???


कल शहर के राह  पर मैंने भीड़ देखा था ,
जहाँ एक नवजात कन्या को उसकी माँ ने फेंका था ,
मै बेबस था चुपचाप था बहुत परेशान था ,
मै उस नवजात की माँ की ममता पे बहुत हैरान था  , 

मै कुछ नही कह सकता था उस भीड़ से , क्युं कि मै भी एक इंसान था ,
पर क्या उस कुछ देर पहले जन्मी बच्ची  का नही कोई भगवान था ?? 

क्या उस माँ की कोख ने उस माँ को नही धिक्कारा होगा  ?
क्या उस नवजात की चीख ने उस माँ को नही पुकारा होगा ? 

आखिर क्यूँ जननी काली  से कलंकिनी  बन जाती है ? 
जन्मती है कोख से और फिर क्यूँ कूड़े पे फेंक आती है ? 

गर है ये एक पाप , तो क्यूँ माँ करती है उस पाप को ?
क्या शर्म नही आती उस बच्ची के कलंक कंस रूपी के बाप को ? 

बिलखते हैं, चीखते हैं मांगते हैं रो-रो कर भगवान से ,
जो की दूर हैं एक भी संतान से , 

  उस नवजात को मारने  की वजह बढती हुई दहेज तो नही ?
 कुछ बिकी हुई जमीरों के लिए लकड़ियों की कुर्सी मेज तो नही ?
कुछ बिके हुए समाज के सोच की  नग्नता का धधकता तेज तो नही ?
 इस नवजात की मौत की वजह  किसी के हवस की शिकार सेज तो नही ? 

बस एक बात पूछता हूँ उस समाज से , उस माँ से ,और उस भगवान से
क्यूँ खेलते हों मूक  निर्जीव सी नन्ही सी जान से  ?? 

आखिर क्यूँ मानवता पे यूँ गिरी है ये गाज ?
जिस माँ ने फेंका था उस नवजात को, उसी माँ से पूछना चाहता हूँ मै  आज ..  

क्या तुमने ऐसा अधम कुकृत्य किया होता ?
अगर तुम्हारी माँ ने भी तुम्हे अपने कोख से निकाल फेंक दिया होता ???????